Sat. Jan 18th, 2025

श्री गणेश आरती (Shri Ganesh Aarti)

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

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9 thoughts on “श्री गणेश आरती (Shri Ganesh Aarti)”
  1. ये तो गणेशजी की आरती नहीं, किसी और की आरती है. मुझे तो समझ नहीं आया.

  2. गणेशजी को मोदक बहुत पसंद हैं. इस आरती में मोदक का भोग नहीं लगाया गया है. ये कैसे हो सकता है?

  3. जय गणेश! आज से मैं इस आरती को रोज गाऊंगी.

  4. गणेशजी की आरती के बारे में ये जानकारी बहुत ही अच्छी है. मैंने पहले कभी नहीं सुनी थी.

  5. जय श्री गणेश! इस आरती से गणेशजी की कृपा अवश्य प्राप्त होगी.

  6. वाह! गणेशजी की आरती भी अब इंटरनेट पर मिलने लगी. कितना अच्छा है ये.

  7. इस आरती को बनाने वालों को थोड़ा सोचना चाहिए था. इतनी सारी गलतियां हैं इसमें.

  8. ये तो बिलकुल गलत है. गणेशजी की आरती का ये तरीका सही नहीं है.

  9. इस आरती में तो गणेशजी के कई नाम ही नहीं हैं. ये आरती अधूरी है.

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