Sat. Jan 18th, 2025

श्री राम स्तुति – Shree Ram Stuti

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभयदारुणम |

नवकंज लोचन , कंज – मुख , कर – कंज पद कंजारुनम ||

कन्दर्प अगणित अमित छवि , नव नील – नीरज सुन्दरम |

पट पीत मानहु तडित रूचि शुची नौमी जनक सुतावरम ||

भजु दीन बन्धु दिनेश दानव –दैत्य वंश निक्न्दनं |

रघुनन्द आनन्दकन्द कोशल चंद   दशरथ – नंदनम ||

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारू उदारु अंग विभुष्णम |

आजनु भुज  शर – चाप – धर , संग्राम – जित खरदुषनम  ||

इति वदति तुलसीदास शंकर – शेष – मुनि – मन – रंजनम |

मम हृदय – कंज निवास कुरु , कामादि खलदल –भन्जनम ||

मनु जाही राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुन्दर सांवरो |

करुना निधान सुजन सीलू सनेहू जानत रावरो ||

एही भांति गौरी असीस सुनी सीय सहित हिये हरषी अली |

तुलसी भवानिही पूजि पुनि पुनि मुदित मन मन्दिर चली ||

सोo ——जानी गौरी अनुकूल सीय हिय हरषु न जय कहि |

     मंजुल मंगल मूल बम अंग फरकन लगे ||

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9 thoughts on “श्री राम स्तुति – Shree Ram Stuti”
  1. हे राम! आपकी स्तुति सुनकर मन प्रसन्न हो गया।

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